बिहार वह जगह है जहां से भगवान गौतम बुद्ध ने ज्ञान और बुद्धत्व के लिए
अपनी यात्रा शुरू की थी। यहां का बोधगया स्थल बिहार और पूरे देश के सबसे
महत्वपूर्ण बौद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। बोधगया के दर्शनीय स्थलों में
महाबोधि मंदिर, पीपल वृक्ष, अनिमेषलोचन चैत्य, चंक्त्रमण, रत्नाकार,
मुचलिन्द सरोवर, तिब्बती मंदिर, चीन का मंदिर, जापानी मंदिर, थाई मंदिर,
भूटान का मंदिर, पुरातात्विक संग्रहालय दर्शनीय हैं।
अन्य महत्वपूर्ण स्थलों में पश्चिम चंपारण-जहां गौतम बुद्ध ने अपने
पिता के राज्य को त्यागा था। पूर्वी चंपारण- जहां गौतम बुद्ध ने एक आश्रम
में ठहरकर अपने पहले अध्यात्मिक गुरु से शिक्षा प्राप्त की। बोधगया आने
वाले पर्यटकों को राजगीर और वैशाली भी जरूर जाना चाहिए। यह भी गौतम बुद्ध
के पसंदीदा जगहों में से एक है। बौद्ध धर्म के बारे जिज्ञासा रखने वालों को
नालंदा और भागलपुर की भी यात्रा करनी चाहिए। यह वह जगह हैं जहां बौद्ध
विश्वविद्यालय और संग्रहालय स्थापित किए गए हैं।
हिंदू स्थल-
बोधगया से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गया हिन्दू तीर्थयात्रियों के
लिए काफी मशहूर है। यहां का विष्णुपद मंदिर पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय
है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु के पांव के निशान पर इस मंदिर का निर्माण
कराया गया है। हिंदू धर्म में इस मंदिर को अहम स्थान प्राप्त है। पितृपक्ष
के अवसर पर यहां हजारों श्रद्धालु पिंडदान के लिए जुटते हैं। कहा जाता है
कि पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है। पुराणों के अनुसार
भगवान राम भी अपनी पत्नी सीता के साथ यहां पिंडदान के लिए आए थे।
.
No comments:
Post a Comment